Prem Niyam by Sirshree

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प्रेम नियम

प्लास्टिक प्रेम से मुक्ति

आज के युग में जहाँ, जितनी रफ़्तार से प्रेम आता है, उससे भी अधिक तेज़ी से चला जाता है, इसलिए ज़रूरत है सच्चे प्रेम की और प्रेम नियम के ज्ञान की I आप यह नियम पढ़कर स्वयं में भरपूर प्रेम का संचार महसूस करेंगे I फिर आपको किसी और से प्रेम माँगने के लिए मिन्नतें करने की ज़रूरत नहीं होगी I प्रेम नियम आपको आत्मनिर्भर जो बनाएगा I सच्चा प्रेम हमारे पास भरपूर होने के बावजूद भी हम क्यों उसके लिए तरसते हैं? वह अलग - अलग भेस में हमारे सामने आता है मगर हम क्यों अपने तरीके से प्रेम लेने की चाहत अकसर हमें प्रेम से वंचित रखती है I इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए प्रेम नियम के ज्ञान से सीखें -

  1.  ऐसे कौन से लोग हैं जो आपके प्रेम के लिए रो रहे हैं ?
  2. . प्रेम कब फुर्र हो जाता है?
  3. आपका प्रेम किस फ्रेम में अटका हुआ है? 
  4. प्लास्टिक (नकली) प्रेम से आज़ादी कैसे मिले?
  5. प्रेम पतन के तीन बड़े कारण कौन से हैं ?
  6.  दूसरों की परवाह कब, क्यों और कैसे करें?
  7. .क्या प्रेम में मोह, वासना और ईर्ष्या ज़रूरी है?
  8. नफरत से मुक्ति कैसे मिले ?
  9. क्षमा की शक्ति का उपयोग कैसे करें
  10.  ईश्वरीय प्रेम और प्रेम समाधि की पराकाष्ठा क्या है?

आपके जीवन में प्रेम नियम के आगमन से ही नकारात्मक भावनाओं का, जो रिश्ते टूटने का कारण हैं, विसर्जन होना शुरू होगा I इसलिए आइए, सच्चे प्रेमी बनकर सच्चे प्रेम की रह पर चलें... प्रेम, आनंद, मौन की बाँसुरी की ही तरह खाली होकर बजें I

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सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था I इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया I इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया I उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया I जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लम्बी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी, जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ I 
सरश्री ने दो हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सत्तर से अधिक पुस्तकों की रचना की है, जिन्हें दस से अधिक भाषाओँ में अनुवादित किया जा चुका है I

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Product NamePrem Niyam by Sirshree
ISBN / Product Code9788183226127
Authorby Sirshree
BindingPaperback
PublisherManjul Publishing House
General BooksPersonality Dev. & Self Help, Best Translations In Hindi
HSN Code4901
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